आज की इस पोस्ट में हम विस्तार से जानेंगे कि Two Step Verification ( टू स्टेप वेरिफिकेशन ) क्या होता है?, इसके क्या फ़ायदे और नुकसान है, इसको enable और disable कैसे करते है आदि।
आजकल के समय में हम सभी को पता है कि हमारा data कितना important है , आजकल hackers लोगों के account को हैक करने के लिए रोज़ नए - नए तरीके निकालते है। कभी कभी हमारे पास unknown यानी अनजाने नम्बर से Sms आते है, कई बार हमारे जीमेल पर भी इस तरह के unknown मैसेज देखने को मिलते है, और कई बार सोशल मीडिया एप्लीकेशन पर ऐसे अनजाने मैसेज देखने को मिलते है , जिसमें हमे कई बार लिंक भी दी गई होती है। और कई बार तो हमे ऐसे कॉल्स भी आ जाते है।
और इस तरह के फ्रॉड से बचने के लिए हमेशा अपने सभी एकाउंट्स पर एक strong पासवर्ड का इस्तेमाल करे। आप कभी भी name1234 या nameCaste या 12345678 इस तरह के पासवर्ड का इस्तेमाल ना करे। और अपने सभी एकाउंट पर एक ही तरह का पासवर्ड न इस्तेमाल करे। सभी एकाउंट्स के लिए अलग अलग और strong पासवर्ड यूज़ करे। टू स्टेप वेरिफिकेशन भी हमारे एकाउंट्स को सेफ करने का एक बहुत बढ़िया ऑप्शन है। इस ऑप्शन की मदद से हम अपने एकाउंट को डबल सिक्योर कर सकते है। यानी कि अगर हमारे किसी भी एकाउंट का पासवर्ड किसी को पता है, तो भी वह हमारे एकाउंट को एक्सेस नहीं कर सकता है।
टू स्टेप वेरिफिकेशन ( Two Step Verification ) क्या होता है?
2 स्टेप वेरिफिकेशन एक प्रोसेस होती है, यानी कि इस प्रॉसेस के अनुसार दो स्टेप्स को सही सही पार करके हमारे एकाउंट को वेरीफाई किया जाता है। उदाहरण के लिए, कुछ समय पहले तक अगर कोई भी व्यक्ति हमारे किसी भी एकाउंट के ID और पासवर्ड को जानता है तो वह हमारे एकाउंट को लॉगिन करके उसे यूज़ कर सकता था, लेकिन गूगल ने अब इसके लिए नया फीचर लॉन्च कर दिया है, उसे ही two step verification कहते है। यानी कि अब अगर हम अपने फ़ोन या कम्प्यूटर में एक बार इस फीचर को ऑन कर लेते है तो पहले स्टेप में ID और पासवर्ड डालकर खुद को वेरीफाई करना होगा। और दूसरे स्टेप में OTP डालकर वेरीफाई करना होगा। तभी हमारा एकाउंट लॉगिन होगा।
साधारण शब्दों में कहे तो अगर आप अपने एकाउंट पर गूगल का यह फीचर यानी 2 step verification को ऑन कर लेते है, तब कोई भी आपका ID और पासवर्ड जानने के बाद भी उसे लॉगिन नहीं कर पायेगा, क्योंकि अगली स्टेप को उसे otp डालकर वेरीफाई करना पड़ेगा, जो कि आपके मोबाइल नंबर पर आएगा। इसलिए हम कह सकते है कि टू स्टेप वेरिफिकेशन हमारा एकाउंट्स की सिक्योरिटी को ओर सिक्योर कर देता है। यानी हमारी सिक्योरिटी डबल हो जाती है।
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Two Step Verification काम कैसे करता है?
जैसा कि इसके नाम से ही पता चल रहा है कि टू स्टेप वेरीफिकेशन यानी दो चरणीय सत्यापन। यानी कि एकाउंट के owner या मालिक को सत्यापित करने के लिए दो चरणीय सत्यापन करना पड़ता है। पहले चरण या स्टेप में यूजर को सही पासवर्ड डालकर खुद को वेरीफाई करना पड़ता है, अगर यूजर सही पासवर्ड एंटर करता है तो उसे दूसरे चरण या स्टेप में otp डालकर खुद को वेरीफाई करना पड़ता है। तो इस तरह यह फीचर काम करता है। लेकिन इस फीचर के भी अपने फायदे और नुकसान होते है। तो आइए जानते है ।
टू स्टेप वेरिफिकेशन ( 2 step verification ) के फायदे और नुकसान -
2 step verification के फायदे -
1. यह आपके एकाउंट के सिक्योरिटी को डबल कर देता है। जो कि सिंगल पासवर्ड की तुलना में काफी बेहतर है। और इससे हैकर आसानी से आपके एकाउंट को हैक नहीं कर पायेंगे।2. टू स्टेप वेरिफिकेशन में हमें सेकंड स्टेप को वेरीफाई करने के लिए otp, एक्सेस yes और no, कॉल के द्वारा otp आदि ऑप्शन मिलते है।
3. इस तरह यह हमारे एकाउंट को unknown पर्सन के एक्सेस से बचाता है।
2 step verification के नुकसान -
1. इसका सबसे बड़ा नुकसान यह है कि अगर फ़ोन खो जाए, चोरी हो जाये, या आपके पास आपका फ़ोन नहीं हो, तो इस स्थिति में आपका सेकंड स्टेप वेरीफाई करना मुश्किल हो जाता है।2. और अगर आप अपना मोबाइल बदल लेते है और इसमें लॉगिन करने के लिए या तो आपको पुराने फ़ोन से इसे बंद / disable कर देना चाहिए या आपको अपना पासवर्ड याद रहना चाहिए।
तो उम्मीद है आपको अच्छे से समझ आ गया होगा कि Two Step Verification ( टू स्टेप वेरिफिकेशन ) क्या होता है?, इसके क्या फ़ायदे और नुकसान है, इसको enable और disable कैसे करते है।